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2021/05/24

 

yaha hoti hai behrupiya ki anokhi pratiyogita janiye hindi mein
Anokhi Behrupia pratiyogita



नमस्कार दोस्तो कैसे है आप आज मैं अपनी इस पोस्ट में एक अनोखी बहरूपिया प्रतियोगिता के बारे में बताने जा 


रहा हूँ जो आप लोगो को बेहद पसंद आयेगी एक ऐसी अनोखी behrupiya compition जहा लोग तरह तरह के रंग बिरंगे पोशाक धारण कर, अलग अलग वेश भूषा 


बना कर साल के अंतिम दिनों में शहर में घूम घूम कर लोगो का मनोरंजन करते है , और हर कलाकार समाज को अपनी कला के जरिये कुछ ना कुछ संदेश भी देते है 


yaha hoti hai behrupiya ki anokhi pratiyogita janiye hindi mein
Shani Dev aur Gorilla ke vesh me kalakar



जिसमे मुख्यरूप से नासा मुक्ति, बाल विवाह, बेटी बचाओ, पर्यावरण की रक्षा करो, जल ही जीवन है, जैसे अनेको अनेक प्रकार के संदेश कलाकारों द्वारा लोगो में 


जागरूकता हेतु दिया जाता है ताकि लोग इसका पालन कर अपने घर और समाज मे फैल रही बुराइयो से दूर रहे और सबके प्रति मन मे प्यार और भाईचारे के साथ 


अच्छा जीवन जिये , क्योंकि जबतक मनुष्य की सोच अच्छी नही होगी तो वह एक अच्छे समाज का निर्माण नही कर सकता , जैसे आज भले ही हम 21 वी सदी में 


Behrupiya-compition-hindiinfozone
Narsingh avtar & Shani dev



जी रहे है लेकिन आज भी हमारे भारत के कुछ राज्यो में 

लोगो की मानसिकता बेटियों के प्रति नही बदली है आज भी लोग बेटे और बेटी में फर्क करते है आज भी लोग 


बेटी होने पर उनकी हत्या जैसे पाप को अंजाम देने से नही चुकते आज भी कई ऐसे छोटे छोटे गांव है जहां बेटियों को स्कूल इस लिए नही भेजा जाता कि तुम क्या 


करोगी पड़ लिखकर तुम्हे तो ससुराल जा कर चूल्हा चौका ही करना है, बस इसी तरह की सोच रखने वाले 


लोगो की मानसिकता को बदलने के ये कलाकार लोगो के सामने अपनी कला का प्रदर्शन कर समाज को अच्छा संदेश देते है तो चलिए और जानते है इस अनोखी प्रतियोगिता के बारे में कब, कहा, कैसे होता है इसका आयोजन 




कहाँ होती है बहुरूपिया प्रतियोगिता 


यह अनोखी Behrupiya Pratiyogita छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में स्थित मनेन्द्रगढ़ नाम के एक कस्बे में आयोजित की जाती है।


यह आयोजन प्रतिवर्ष प्रगतिमंच मनेन्द्रगढ़ द्वारा आयोजित की जाती है यह मंच पिछले 27 वर्षो से इस प्रतियोगिता का आयोजन करते आ रही है।


इस बहुरूपिया प्रतियोगिता की तैयारी मंच के साथ साथ कलाकर भी लगभग 1 महीना पहले से करने लगते है


शहर के लोगो का रहता है योगदान


जैसे कि यह प्रतियोगिता का आयोजन प्रगतिमंच द्वारा किया जाता है यह पूरी तरह से कैशलैस होता है

इसमें शहर के व्यापारी गण भी अपनी अपनी तरह से योगदान करते है, जैसे फल, सब्जी, कपड़ा, जूता चप्पल, मोटरसाइकिल, साईकल, कूलर आदि 



कैसे होती है यह प्रतियोगिता और कब


दोस्तो यह प्रतियोगिता प्रतिवर्ष दिसंबर महीने के 31 तारीख को आयोजित की जाती है।



yaha hoti hai behrupiya ki anokhi pratiyogita janiye hindi mein
Hanuman ji 



बहरूपिया प्रतियोगिता दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक ही आयोजित की जाती है उसके बाद कलाकरो के प्रदर्शन के आधार पर उन्हें नंबर दिए जाते है।



यह प्रतियोगिता शहर के मुख्य मार्ग में ही आयोजित की जाती है जहां कलाकार शहर में घूम घूम कर लोगो का मनोरंजन करते है और इनकी कला और theme के आधार पर जज इन्हें नंबर देते है ।



मिलते है ढेरो इनाम 


जैसा कि हमने बताया कि यह प्रतियोगिता दिन के 12 बजे से शाम 4 बजे तक आयोजित होती है उसके बाद कलाकरो को उनके द्वारा अर्जित किये गए नंबर के आधार पर प्रथम, और द्वितीय और सांतोना पुरुस्कार दिए जाते है 


प्रथम आने वाले कलाकरो को मोटरसायकल, टीवी, फ्रिज, कुलर, वाशिंग मशीन, जैसे ढेरो उपहार दिए जाते है।


हर वर्ष लगभग 100 से अधिक कलाकार इसमें भाग लेते है और हर कलाकार को कुछ ना कुछ उपहार प्रगतिमंच द्वारा दिया जाता है,



कलाकार के मुख्य किरदार


जैसे की हमने बताया यहां कलाकार अनेको रंग बिरंगे पोशाक पहन , समाज को संदेश देते है जिसमे मूख्यतः


बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ, कबीला आदिवासी, गोरिल्ला, शेर, भालू, मोदी जी, नसा मुक्ति, माँ की ममता,

वृक्ष राजा, मुर्गा नाच, कृष्ण जी, शंकर जी, काली जी, नरसिंह अवतार, सफेद शेर, इत्यादी अनेक वेश भूसा होते है, 


क्या कहना है इस प्रतियोगिता के बारे कलाकरो का


इस आयोजन और प्रतियोगिता के बारे में हमने अपने साथी कलाकार से बातचीत जो निरंतर 15 वर्षो से अधिक समय से इस बहुरूपिया प्रतियोगिता से जुड़े है 


गोलू गुप्ता (स्थानीय कलाकार ) का कहना है कि यह प्रतियोगिता बहुत ही अनोखी और मजेदार होती है 

हर वर्ष लोगो को इसका बेसब्री से इंतजार रहता है


उनका कहना है कि वह इस अनोखी बहरूपिया प्रतियोगिता में पिछले 15 वर्षों से भी अधिक समय से अपनी अनूठी कला का विभिन्न वेश भूषा में लोगो का मनोरंजन कर चुके है वह कहते है कि मुझे हर वर्ष इसका इंतजार रहता है 


और मैं इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए 1 महीने पहले से तैयारी करता हूँ और अपनी पोशाक खुद ही सिलता हूँ


उनका आगे कहना यह है कि कोरोना महामारी के चलते पिछले 2 वर्षों से यह प्रतियोगिता स्थगित कर दी गई है क्योंकि इस प्रतियोगिता को देखने के लिए आस पास के गाँव एवं शहरों से लाखों लोग बहुरूपियों को देखने आते है


गुप्ता जी का कहना है कि जल्द से जल्द यह कोरोना महामारी जाए और हम एक बार फिर से इस बहुरूपिया प्रतियोगिता का लुफ्त उठा पाए ।



उम्मीद है दोस्तो आप को हमारा ये लेख पसंद आया होगा, आप भी दिसंबर के महीने में जाएं और इस बहुरूपिया प्रतियोगिता का आनंद ले  




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