Kyon karti hai devi ma durga ser ki sawari ,Kaise Bana Ser mata ki sawari
क्यों करती है माँ दुर्गा शेर की सवारी
इस प्रश्न का उत्तर हममे से कई लोग तलाशते होंगे। लेकिन इस प्रश्न का उत्तर छिपा है एक पौराणिक कहानी में, यह कहानी काफी पुरानी है। Navratri 2017 विशेष
बात उस समय की है जब मां पार्वती, शिव को पति रूप में पाने के लिए तप कर रही थीं। उन्होंने कई वर्षों तक तप किया। तब भगवान शिव प्रसन्न हुए और उनका विवाह हुआ। लेकिन समस्या यह थी कि तप के कारण मां पार्वती का शरीर सांवला हो गया।
एक दिन की बात है। शिव ने पार्वती से उपहास में मां पार्वती का काली कहकर संबोधित किया। मां को यह बात ठीक नहीं लगी। और वह पुनः अपने गौर वर्ण को पाने के लिए एक वन में तपस्या के लिए चलीं गईं।
तप करते हुए कई समय बीत गया। एक बार की बात है। उसी जंगल में एक शेर रहता था। उसने माता को खाने के लिए उनके पास आया, लेकिन माता तप में लीन थीं। शेर ने सोचा जब वह तप से जागेंगी तब वह उनका भक्षण करेगा।
वह कई वर्षों तक वहीं बैठा रहा जहां मां पार्वती तप कर रहीं थीं। उनके तप से शिव प्रसन्न हुए और उन्होंने वरदान स्वरूप माता पार्वती को गौर वर्ण प्रदान किया। तब माता पार्वती की दृष्टि उस शेर पर गई, वह शेर काफी वर्षों से वहीं बैठा हुआ था।
माता पार्वती को उस शेर पर दया आ गई और उस शेर को अपनी सवारी के लिए चुना। इसके बाद माता पार्वती एक सरोवर में स्नान के लिए गईं, वहां जैसे ही उन्होंने स्नान किया तो वहां उनके शरीर से माता कौशिकी प्रकट हुईं। जिनका स्वरूप सांवला था।
तो इस तरह मां पार्वती जो की मां दुर्गा का रूप हैं। उन्हें शेर वाहन के रूप में मिला। और उनका सांवला रंग गौर वर्ण में तब्दील हो गया।
Bhagwan Ganesh ki pooja mein kyon Nahi Chadhti Tulsi
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