New Way To Learn Blogging

2017/09/17

नवरात्री 2021, क्यो मनाई जाती है नवरात्री

नवरात्रि क्यों मनाई जाती है और माँ दुर्गा की आराधना क्यों की जाती है, इसको लेकर 3 कथाएँ प्रचलित है 
जो आप के समक्ष प्रस्तुत है..............
Devi ma durga hindiinfozone Kyo Manayee Jati Hai Navratri Janiye puri kahani ,  navratri 2017

रावण-वध के लिए चंडी देवी का पूजन



 एक कथा के अनुसार लंका युद्ध में ब्रह्माजी ने श्रीराम से रावण-वध के लिए चंडी देवी का पूजन कर देवी को प्रसन्न करने को कहा और विधि के अनुसार चंडी पूजन


 और हवन हेतु दुर्लभ 108 नीलकमल की व्यवस्था भी करा दी, वहीं दूसरी ओर रावण ने भी अमरत्व प्राप्त करने के लिए चंडी पाठ प्रारंभ कर दिया. यह ...बात


 पवन के माध्यम से इन्द्रदेव ने श्रीराम तक पहुँचवा दी, इधर रावण ने मायावी तरीक़े से पूजास्थल पर हवन सामग्री में से एक नीलकमल ग़ायब करा दिया जिससे


 श्रीराम की पूजा बाधित हो जाए। श्रीराम का संकल्प टूटता नज़र आया। सभी में इस बात का भय व्याप्त हो गया कि कहीं माँ दुर्गा कुपित न हो जाएँ,,,,,तभी श्रीराम


 को याद आया कि उन्हें ..कमल-नयन नवकंज लोचन.. भी कहा जाता है तो क्यों न एक नेत्र को वह माँ की पूजा में समर्पित कर दें। श्रीराम ने जैसे ही तूणीर से



 अपने नेत्र को निकालना चाहा तभी माँ दुर्गा प्रकट हुईं और कहा कि वह पूजा से प्रसन्न हुईं और उन्होंने विजयश्री का आशीर्वाद दिया।


रावण को मिला था श्राप

दूसरी तरफ़ रावण की पूजा के समय हनुमान जी ब्राह्मण बालक का रूप धरकर वहाँ पहुँच गए और पूजा कर रहे ब्राह्मणों से एक श्लोक


 ..जयादेवी..भूर्तिहरिणी.. में हरिणी के स्थान पर करिणी उच्चारित करा दिया। हरिणी का अर्थ होता है भक्त की पीड़ा हरने वाली और करिणी का अर्थ होता है पीड़ा देने वाली। इससे माँ दुर्गा रावण से नाराज़ हो गईं और रावण को श्राप दे दिया। रावण का सर्वनाश हो गया। 

महिषासुर का वध करके माँ दुर्गा महिषासुरमर्दिनी कहलाईं

इस पर्व से जुड़ी कथा के अनुसार देवी दुर्गा ने एक भैंस रूपी असुर अर्थात महिषासुर का वध किया था।



 पौराणिक कथाओं के अनुसार महिषासुर के एकाग्र ध्यान से बाध्य होकर देवताओं ने उसे अजय होने का वरदान दे दिया। उसको वरदान देने के बाद देवताओं



 को चिंता हुई कि वह अब अपनी शक्ति का गलत प्रयोग करेगा और प्रत्याशित प्रतिफल स्वरूप महिषासुर ने नरक का विस्तार स्वर्ग के द्वार तक कर दिया और



 उसके इस कृत्य को देख देवता विस्मय की स्थिति में आ गए। महिषासुर ने सूर्य, इन्द्र, अग्नि, वायु, चन्द्रमा, यम, वरुण और अन्य देवताओं के सभी अधिकार छीन लिए और स्वयं स्वर्गलोक का मालिक बन बैठा।



 देवताओं को महिषासुर के प्रकोप से पृथ्वी पर विचरण करना पड़ रहा। तब महिषासुर के इस दुस्साहस से क्रोधित होकर देवताओं ने देवी दुर्गा की रचना की।



ऐसा माना जाता है कि देवी दुर्गा के निर्माण में सारे देवताओं का एक समान बल लगाया गया था।


 महिषासुर का नाश करने के लिए सभी देवताओं ने अपने अपने अस्त्र देवी दुर्गा को दिए थे और कहा जाता है कि इन देवताओं के सम्मिलित प्रयास से देवी दुर्गा और बलवान हो गईं थी। इन नौ दिन देवी-महिषासुर संग्राम हुआ और अन्ततः महिषासुर-वध कर महिषासुर मर्दिनी कहलायीं।




नवरात्री मे उपासना और उपवाश का महत्व 

नवरात्रि में उपासना और उपवास का विशेष महत्व है। उप का अर्थ है निकट और वास का अर्थ है निवास। अर्थात् ईश्वर से निकटता बढ़ाना। 


कुल मिलाकर यह माना जाता है कि उपवास के माध्यम से हम ईश्वर को अपने मन में ग्रहण करते हैं- मन में ईश्वर का वास हो जाता है। लोग यह भी मानते हैं कि आज की परिस्थितियों में


 उपवास के बहाने हम अपनी आत्मिक शुद्धि भी कर सकते हैं- अपनी जीवनशैली में सुधार ला सकते हैं। हिन्दू धर्म में उपवास का सीधा-सा अर्थ है आध्यात्मिक आनंद की प्राप्ति के लिए अपनी भौतिक आवश्यकताओं का परित्याग

 करना...........



No comments:

Post a Comment

Hope You Like Our Post Comment Here